वो कौन था ? (हिंदी हॉरर स्टोरी)
अपने नए घर में सिमरन का सामना होता है एक अजनबी से, जो पता नहीं क्या ढूँढ रहा था।
"आपका साथ, मेरा विकास"
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अपने नए घर में सिमरन का सामना होता है एक अजनबी से, जो पता नहीं क्या ढूँढ रहा था।
चेतावनी: इस कहानी के कुछ अंश विचलित कर सकते हैं। सोच समझकर पढ़ें।
नमस्कार,
एक गाँव था, जिसके पास से बहती थी एक नदी। गरजती, लरजती, वो नदी सब निगल जाती। जो उसमें जाता फिर कभी किसी को ना दिखता। बड़े बूढ़े कहते कि इस नदी ने ना जाने कितने जानवर, इंसान और तो और गाँव भी निगल चुकी थी। गाँव में सब बोलते थे, .
मैं उस दिन OLX पर पुराना फ़र्निचर ढूँढ रहा था। लेकिन सोफ़ सैट देखते देखते मेरी नज़र अचानक एक और लिस्टिंग पर गयी।
इरफ़ान दिखने में तो ठीक-ठाक ही था लेकिन उसकी आँखों में मानो जादू था। उसकी झील जैसी गहरी आँखों में ना जाने कितनी ही लड़कियाँ अपने दिलों को खो चुकी थीं। शुरू में तो इरफ़ान के लिए लड़कियाँ फँसाना सिर्फ़ एक खेल था, लेकिन धीरे धीरे इरफ़ान को समझ आया की वो कैसे अपनी इन आँखों से फ़ायदा उठा सकता है।.
ना जाने ये घर कब से ख़ाली पड़ा है। मानो कितने सालों से कोई यहाँ नहीं रहा हो। घर की दीवारों से सूख कर लटकती पपड़ी, और टूटे खिड़की के काँच बताते हैं की शायद कोई तो चीज़ इस घर से बाहर निकलने की कोशिश कर रही है।.
पिछले हफ़्ते ऑफ़िस की सीढ़ियों से पैर फिसलने से मेरी टांग टूट गयी। दर्द काफ़ी है, लेकिन टूटी हड्डी का नहीं, बल्कि घर से काम करने का। एक तो रह रहकर उठता दर्द, ऊपर से अम्मी को यही लगता है कि मैं छुट्टी लेकर आयी हूँ। .
राजीव की आँख खुली तो उसने पाया की वो उस फ़ार्महाउस की बड़ी सी रसोई में एक लकड़ी की कुर्सी पर बंधा पड़ा था। उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था, और उसके सामने उसकी गर्लफ़्रेंड निशा, अपने मम्मी और पापा के साथ खड़ी उसे ही देख रही थी।.
उस साल कड़ाके की सर्दी पड़ी थी। संजय ट्रेन से नीचे उतरा और उसने देखा कि प्लैटफ़ॉर्म पर बिलकुल मरघट जैसा सन्नाटा था। उसने घड़ी की ओर नज़र डाली, रात के एक बज रहे थे। ट्रेन से उतरने वाला वो इकलौता शख़्स था। .
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